धार~शिकायत करने पर हम पर झूठे प्रकरण दर्ज हो गए है, आपसे 6 महीने में जांच नहीं हुई ~~
बीएड-डीएड कॉलेज में छात्रवृत्ति फर्जीवाड़े में जांच आदेश के बाद भी जांच नहीं होने पर सीईओ से बोले आवेदक ~~
जांच दल-जांच लगभग पूरी हो गई, एक हफ्ते में रिपोर्ट देंगे, कॉलेज संचालक ने कहा मेरे पास किसी अधिकारी का फोन नहीं आया ~~
आदिवासी बाहुल्य धार जिले में व्यवसायिक संभावनाओं के चलते निजी संस्थाएं तेजी से बढ़ रही है। इसमें रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम नर्सिंग कॉलेज और डीएड-बीएड कॉलेज की संख्या अधिक है। जहां संस्थान बढेÞ हैं वहीं फर्जीवाड़े भी होने लगे है। हालत यह है कि संस्थानों को लेकर शिकायतों की संख्या बढ़ने लगी है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि शिकायत करने पर जांंच के आदेश हो रहे है, लेकिन जांच 6-6 महीने तक नहीं की जा रही है। कुछ इसी तरह के मामले को लेकर शिकायतकर्ता मुन्नालाल मारू ने आईएएस आॅफिसर व जिला पंचायत सीईओ केएल मीणा को जांच ना होने को लेकर शिकायती आवेदन सौंपा है। आवेदक ने कहा कि सच बोलना गुनाह हो रहा है। शिकायत करने पर मेरे खिलाफ संस्थान ने झूठा प्रकरण दर्ज करवा दिया। मेरी शिकायत पर जांच आदेश होने के बाद 6 महीने बाद भी जांच नहीं हो पाई है। जांच रिपोर्ट से सत्यता सामने आएगी। सीईओ ने जांच आदेश की स्थिति पता करने का आश्वासन दिया है।
शासन से जुड़े मामले में गंभीरता जरूरी
आवेदक द्वारा धार के एलएसए कॉलेज जेतपुरा को लेकर शिकायत दर्ज कराई है। जिसमें बताया गया है कि कॉलेज में एक ही भवन के अंदर कई कोर्स संचालित हो रहे हैं। इसमें एक साथ बच्चों की कक्षाएं नहीं लग सकती है। वहीं कॉलेज संचालक बीएड में अधिकतर ऐसे छात्र-छात्राओं को प्रवेश देने का कार्य करते है जिससे छात्र व छात्राओं को पढ़ने की आवश्यकता नहीं होती है। अल्पसंख्यक पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा छात्रवृत्ति के लिए 75 प्रतिशत उपस्थिति आवश्यक है। विद्यार्थी और संचालक मिलकर असत्य जानकारी देकर छात्रवृत्ति निकाल रहे हैं। शिकायतकर्ता ने नमूने के तौर पर दो बीएड विद्यार्थियों का जिक्र भी किया। जिसमें वह अतिथि शिक्षक के तौर पर सरकारी संस्थानों में पढ़ाई भी करवा रहे है। वहीं उसी दौरान कॉलेज में नियमित अध्ययनकर्ता के तौर पर दर्शा रहे हैं। सामान्य तौर पर यह दो लोगों का मामला दिखता है, लेकिन पारदर्शी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे है। दोनों और से छात्रवृत्ति और अतिथि शिक्षक मानदेय के रूप में शासन का पैसा जा रहा है। एक साथ दोनों का लाभ लेना या दोनों स्थिति में एक ही जगह पर मौजूद होना संभव नहीं है। ऐसे मामलें में तो त्वरित जांच होना चाहिए।
3 सदस्यीय टीम बनी
अशासकीय महाविद्यालय एलएसए कॉलेज की शिकायत मिलने पर 6 माह पूर्व जिला पंचायत सीईओ ने एक आदेश जारी करके तीन लोगों (श्रम पदाधिकारी मेघना भट्ट, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग धार श्रीमती भगवती कांग, आईटीआई कॉलेज प्राचार्य प्रदीप मधुकर) का जांच दल कॉलेज निरीक्षण के लिए गठित किया था। जिसमें कई तरह के बिंदुओं पर जांच की जाना थी और सात दिवस में रिपोर्ट प्रस्तुत करना थी। जून माह में जांच आदेश जारी हो गया। दिसंबर माह प्रारंभ हो गया, लेकिन रिपोर्ट नहीं।
इनका कहना है
जांच लगभग पूरी हो गई है। हम एक सप्ताह में वरिष्ठ अधिकारियों को रिपोर्ट सौंप देंगे।
-श्रीमती भगवंती काग, जांच दल सदस्य
आवेदक मुझे ब्लैकमेल कर रहे है। मैंने उनके खिलाफ प्रकरण भी दर्ज करवाया है। शिकायत हुई है, इसकी जानकारी मुझे आपसे ही मिली है। मुझे किसी भी अधिकारी का इस मामले में कोई फोन नहीं आया है। वह पूछेंगे तो शिकायत संबंधी रिकार्ड खंगालकर जवाब प्रस्तुत कर देंगे।
-अनिरुद्ध अग्रवाल, एलएसए कॉलेज संचालक
सूचना के अधिकार में जानकारी जुटाई तो छात्रवृत्ति के नाम पर शासन को चूना लगाने की बात सामने आई। हमने शिकायत की तो मुझ पर झूठा प्रकरण थाने में दर्ज करवा दिया। मेरी शिकायत पर आज तक जांच नहीं की गई। इमानदारी से जांच की गई तो बड़ा मामला सामने आएगा। मैं शासन के साथ हो रहे गलत के खिलाफ लड़ रहा हूं। मुझे तो अभी भी फंसाने की धमकियां मिलती रहती है।
मुन्नालाल मारू, शिकायतकर्ता
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