झाबुआ~शिक्षा का बदला स्तर- सात घटकों के 31 पैरामीटर पर हुआ सर्वे~~
कक्षा पहली से 8वीं तक के स्कूलों में शिक्षा गुणवत्ता के आधार पर प्रदेश स्तर पर दूसरे क्वार्टर की रैंकिंग जारी हो गई है। इसमें झाबुआ प्रदेश में 47 से 51 वें नंबर पर और पड़ोसी जिला धार 50 से 52वें पायदान पर में सबसे नीचे खिसक गया है । छोटा जिला होने के बावजूद यहां मूलभूत शैक्षणिक सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। यही कारण है कि लगातार दूसरी बार जिले में शिक्षा गुणवत्ता के स्तर में कोई बड़ा बदलाव नहीं हो पाया और इसी कारण जिला प्रदेश में पिछड़ गया है।
हर स्तर पर जिले की स्थिति काफी खराब.......................
प्रदेश के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने नई पहल शुरू की है। इसमें हर तीन महीने में सरकारी स्कूलों का सात घटकों के 31 पैरामीटर पर सर्वे कर रैंकिंग की जाएगी और इस आधार पर जिलों में शैक्षणिक सुधार पर जोर दिया जाएगा। इसमें स्कूलों में विद्यार्थियों का पंजीयन, उनके सीखने की गुणवत्ता और परिणाम, शिक्षकों का बच्चों के प्रदर्शन में सुधार, हिस्सेदारी, बुनियादी ढांचा और सुविधाएं, शासन प्रक्रियाओं और वित्तीय प्रबंधन, न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम के आधार पर स्कूलों का सर्वे हो रहा है। स्कूलों में बुनियादी ढांचा,सुविधाओं ,बच्चों का प्रवेश,उनके सीखने की क्षमता,उनके प्रदर्शन में सुधार और वित्तीय प्रबंधन में झाबुआ जिले की हर स्तर पर स्थिति काफी खराब है। खंडवा जिला इस सर्वे में प्रदेश में पहले स्थान पर है।
दर्ज होगी उपस्थिति स्कूल लोकेशन पर पहुंचने पर ही ............................
शिक्षा का स्तर सुधारने शिक्षक विद्यार्थियों की ऑनलाइन अटेंडेंस सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के नहीं आने और लापरवाही की कई शिकायतें आती हैं। इसके निराकरण के लिए अब प्राथमिक-माध्यमिक स्कूलों में शिक्षक और विद्यार्थियों की उपस्थिति ऑनलाइन करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिले में इसके लिए आदेश जारी कर सभी शिक्षकों को ऑनलाइन एप के माध्यम से अपनी उपस्थिति और बच्चों की दर्ज संख्या भरने के लिए कहा गया है। एप पर उपस्थिति स्कूल लोकेशन पर पहुंचने पर ही दर्ज होगी। इससे यह शिकायत नहीं होगी कि शिक्षक स्कूल नहीं आते हैं।
शिक्षा का स्तर सुधारने शिक्षक विद्यार्थियों की ऑनलाइन अटेंडेंस सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के नहीं आने और लापरवाही की कई शिकायतें आती हैं। इसके निराकरण के लिए अब प्राथमिक-माध्यमिक स्कूलों में शिक्षक और विद्यार्थियों की उपस्थिति ऑनलाइन करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिले में इसके लिए आदेश जारी कर सभी शिक्षकों को ऑनलाइन एप के माध्यम से अपनी उपस्थिति और बच्चों की दर्ज संख्या भरने के लिए कहा गया है। एप पर उपस्थिति स्कूल लोकेशन पर पहुंचने पर ही दर्ज होगी। इससे यह शिकायत नहीं होगी कि शिक्षक स्कूल नहीं आते हैं।
तीसरी तिमाही में स्कूलों की इन बिंदुओं के आधार पर होगी रैंकिंग.......
प्लान का प्रभावी क्रियान्वयन, कक्षा 5वीं और 8वीं की परीक्षा में विद्यार्थियों का प्रदर्शन, दिसंबर-जनवरी में होने वाली समेकित ओलंपियाड में विद्यार्थियों की भागीदारी और परिणाम,प्रशिक्षण में शिक्षकों की सहभागिता और परिणाम,सीएम राइज टीडीपी के तहत डिजिटल कोर्सेस में शिक्षकों की भागीदारी, टीएलएम में मेलों में शिक्षकों की भागीदारी और प्रदर्शन, डाइट्स में शैक्षणिक गतिविधियों का बेहतर संचालन और स्थिति एप पर दर्ज शिक्षक-विद्यार्थियों की उपस्थिति के आधार पर तीसरी तिमाही में रैंकिंग होगी।
प्लान का प्रभावी क्रियान्वयन, कक्षा 5वीं और 8वीं की परीक्षा में विद्यार्थियों का प्रदर्शन, दिसंबर-जनवरी में होने वाली समेकित ओलंपियाड में विद्यार्थियों की भागीदारी और परिणाम,प्रशिक्षण में शिक्षकों की सहभागिता और परिणाम,सीएम राइज टीडीपी के तहत डिजिटल कोर्सेस में शिक्षकों की भागीदारी, टीएलएम में मेलों में शिक्षकों की भागीदारी और प्रदर्शन, डाइट्स में शैक्षणिक गतिविधियों का बेहतर संचालन और स्थिति एप पर दर्ज शिक्षक-विद्यार्थियों की उपस्थिति के आधार पर तीसरी तिमाही में रैंकिंग होगी।
सर्वे,अभियान में ड्यूटी,अवकाश के दिन भी काम,शिक्षक भी कम.............
राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के संचालन में सरकारी अमले का उपयोग होता है। लेकिन इससे विभागों के बुनियादी काम भी प्रभावित होते हैं। शिक्षा विभाग में भी यही हाल है। चुनाव ड्यृटी, मतदाता सूची संधारण, मुस्कान प्रोजेक्ट में बच्चों को गोद अभियान का सर्वे करने जैसे दूसरे काम भी शिक्षक कर रहे हैं। ऐसे में स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हो रही है। वहीं स्कूलों में शिक्षकों की भी कमी है। स्थानांतरण के बाद कई स्कूलों में एक ही शिक्षक रह गए हैं। इस कारण शैक्षणिक कार्य प्रभावित होता है।
पड़ोसी 2 जिलों की रैंकिंग सुधरी.....
प्रदेश स्तर पर जारी रैंकिंग में पड़ोसी दो जिलों की रैंकिंग में सुधार हुआ है। इसमें रतलाम जिला 52 से 49 जबकि पड़ोसी जिला अलीराजपुर 49 से 41वें नंबर पर पहुंच गया है। लेकिन झाबुआ और धार जिले का प्रदर्शन बिगड़ा है। झाबुआ पहली तिमाही के सर्वे में 47 वें नंबर पर था लेकिन दूसरे सर्वे में 51 वें नंबर पर खिसक गया है और धार 50 से 52 वें पायदान पर सबसे नीचे पहुंच गया है।
संपर्क नहीं हो पाया................
इस मामले में कलेक्टर रजनी सिंह से उनके मोबाइल पर संपर्क करना चाहा तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
इस मामले में कलेक्टर रजनी सिंह से उनके मोबाइल पर संपर्क करना चाहा तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
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