झाबुआ~जिले में खोजने निकले तो मिल गए कुष्ठ रोग के 40 नए मरीज~~

भिंड जिले में प्रदेश में के सर्वाधिक164 ,दूसरे और तीसरे नंबर पर क्रमश खरगोन 142 और अलीराजपुर में 127 मरीज मिले~~


झाबुआ। संजय जैन~~



राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में कुष्ठ रोगियों की खोज के लिए चलाए गए। अभियान में जिले में 40 नए मरीज मिले हैं। भिंड जिले में प्रदेश में सर्वाधिक 164,दूसरे और तीसरे नंबर पर खरगौन और अलीराजपुर हैं, यहां क्रमश 142 और 127 नए मरीज खोजे गए हैं। जिले में पिछले माह तक 103 मरीजों को कुष्ठ का इलाज दिया जा रहा था।
 
किया गया टीम द्वारा मनोयोग से काम...................
जब कोई अभियान ठीक से चल जाए तो उसके परिणाम निश्चित रूप से सामने आते हैं। ऐसा ही इस बार कुष्ठ को लेकर हुआ है। कुष्ठ रोग खोज अभियान में पहले 12 से 31 सितंबर तक चलाया गया। इसके बाद इसे 15 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया गया था। जब टीम द्वारा मनोयोग से काम किया गया तो 40 नए मरीज मिले। इस अभियान में में सर्वाधिक कल्याणपुरा 13,राणापुर10,मेघनगर 7, थांदला 5,पेटलावद और रामा में 02 मरीज मिले। इन मरीजों के लक्षण के आधार पर मल्टी बेसलरी और पोसी बेसेलरी के तहत चिन्हित क्रमश एक साल और छमाही इलाज शुरू कर दिया गया है। कुष्ठ एक ऐसा रोग है जो शरीर में विकृति पैदा कर देता है इसलिए शरीर पर तेलिया या तामियां रंग दाग हों तो बिना देर किए परीक्षण कराकर इलाज लेना चाहिए।

वर्ष 2030 तक कुष्ठ को पूरी तरह करेंगे खत्म..................
जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ.एनके पठान कहना है कि सरकार ने वर्ष 2030 तक कुष्ठ को पूरी तरह से खत्म करने का निर्णय लिया है। जिसके तहत जिले स्वास्थ्य समिति द्वारा न केवल अभियान चलाया बल्कि मरीजों के इलाज और निगरानी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें पिछले तीन वर्षों में जिन गांवों में कुष्ठ रोग के मामले सामने आए हैं,वहां आशा कार्यकर्ता द्वारा सक्रिय मामले का पता लगाने और नियमित निगरानी गतिविधि संचालित की जा रही है। यहां जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।

यह है कुष्ठ रोग के लक्षण दिखे तो कराएं इलाज ................
कुष्ठ रोग के लक्षण में चमड़ी पर चमड़ी के रंग से फीके या बदरंग दाग धब्बे, जिसमें सुन्नपन हो यानी जिन दागों में खुजली, जलन या चुभन न हो। चेहरे पर लाल, तामियाए तेलिया चमक हो। तंत्रिकाओं में सूजन, मोटापा, हाथ-पैरों में सुन्नपन और सूखापन हो। यह भी कुष्ठ की पहचान है। अगर किसी को इस प्रकार के दाग धब्बे और लक्षण महसूस होते हैं तो ऐसे व्यक्तियों को छिपाए बगैर जांच कराना चाहिए क्योंकि यह एक से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। ऐसे में इसका बचाव भी जरूरी है।

कुष्ठ रोग की जानकारी देने का किया आह्वान.....
 संदेहास्पद चर्म रोगों को आशा व मेल वालंटियर द्वारा सत्यापित किया जाता है। संदेहास्पद मरीज मिलने पर खोजी दल द्वारा रेफरल स्लीप देकर निकट के स्वास्थ्य केंद्र में कुष्ठ की पुष्टिकरण के लिए भेजा जाता है। जहां चिकित्सा अधिकारी द्वारा कुष्ठ की पुष्टीकरण करने के बाद उसका तत्काल इलाज शुरू किया जाता है। इसलिए लोगों को संदेहास्पद को शीघ्र सीधे स्वास्थ्य केंद्र भेजना चाहिए।
......................................डॉ.जेएस ठाकुर-सीएमएचओ-झाबुआ।
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