धार~शक्ति की आराधना- हजारों मातृशक्तियों ने कलश धारण कर मां गढ़कालिका को चढ़ाई चुनरी~~

केसरिया संग राष्ट्र ध्वज को थामे पुरुष भी हुए शामिल, सर्वधर्म के मंचों से बरसाए यात्रा पर फूल ~~

आयोजक कुलदीपसिंह बुंदेला का अनेक स्थानों पर साफा बांधकर किया स्वागत, हर उम्र के लोग यात्रा में हुए शामिल ~~

धार ( डाॅ. अशोक शास्त्री )।

शारदेय नवरात्र पर्व की छठ पर धार शहर देवी गढ़ कालिका की आराधना के लिए हजारों लोगों की सामूहिक उपस्थिति का हस्ताक्षर बना। मां को चुनरी अर्पित करने और देवी-दर्शन के लिए हजारों की संख्या में मातृशक्ति यात्रा में सम्मलित हुई। आयोजनकर्ता प्रदेश कांग्रेस सचिव कुलदीपसिंह बुंदेला के नेतृत्व में यात्रा निकाली गई। यात्रा में हजारों महिलाओं ने कलश और श्रीफल धारण करके चुनरी यात्रा में सहभागिता की। शासकीय लालबाग उद्यान से विस्तारित रूप के साथ यात्रा की शुरुआत हुई। शहर में जगह-जगह मंचों से पुष्पवर्षा के माध्यम से यात्रा का स्वागत किया गया। इस वर्ष के यात्रा अध्यक्ष कांग्रेस नेता कृष्णकांत पटेल तिरला थे।
मुस्लिम-बोहरा-सिख-हिन्दू सभी ने बरसाए फूल
परंपरागत रूप से पिछले 18 सालों से सर्वधर्म सद्भावना चुनरी कलश यात्रा निकाली जा रही है। यात्रा की शुरुआत वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदारी निभाने वाले पूर्व विधायक स्वर्गीय मोहनसिंह बुंदेला द्वारा की गई थी। इसी परंपरा के पालन में शनिवार को चुनरी कलश यात्रा निकाली गई। लक्की चौराहे पर स्थित गरबा पांडाल में देवी पूजा के साथ गरबा मंडलियां बैंडबाजों के साथ यात्रा का श्री गणेश करते हुए लालबाग पहुंची। यहां पर धार शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों के अलग-अलग इलाकों से देवी को चुनरी अर्पित करने की भावना को लेकर  शामिल हुई मातृशक्तियों के साथ यात्रा का प्रारंभ हुआ। शहर में राजा पंवार चौपाटी (घोड़ा चौपाटी), मोदी पंप, मोहन टॉकिज, उटावद दरवाजा, धानमंडी, आनंद चौपाटी, हटवाड़ा सहित अलग-अलग स्थानों पर सर्वसमुदाय के लोगों ने पुष्पवर्षाओं से स्वागत किया। बस स्टैंड पर मुस्लिम समुदाय ने मंच लगाया था। वहीं बोहरा और सिख समाज ने भी मंचों से स्वागत किया। कांग्रेस नेता शकील खान मित्र मंडल ने उटावद दरवाजा से यात्रा पर पुष्पवर्षा की। वहीं अलग-अलग मंचो पर श्री बुुंदेला को साफा बांधकर सम्मान दिया गया।


केसरिया के साथ तिरंगे लहराए
शक्ति की आराधना के भाव को लेकर निकली इस यात्रा में धर्म और राष्ट्र प्रेम का संगम दिखा। यात्रा में युवाओं के हाथ में केसरिया ध्वज थे तो अनेकों युवाओं के हाथों में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे भी थे। यात्रा में रथ पर मां गढ़ कालिका का चित्र रखा गया था। वहीं उनको अर्पित करने वाली पूजन सामग्री भी शामिल थी। इधर सर्वधर्म चुनरी कलश यात्रा के दिवंगत साथियों के चित्र भी अलग-अलग रथों में रखे हुए थे। बैंडबाजों पर माता के भजनों की प्रस्तुुतियां दी जा रही थी। वहीं मातृशक्ति माताजी के जयकारे लगाते हुए चल रही थी। शहर के अंदरूनी मार्गों पर जब यात्रा का प्रवेश हुआ तो धर्ममय वातावरण सड़कों पर दिखाई दिया। लोगों ने घरों के छज्जों से भी धर्मयात्रियों पर पुष्पवर्षा की।
परिश्रम रंग लाया
इस वर्ष की यात्रा कई मायनों में महत्वपूर्ण थी। यात्रा को गरिमा के साथ संख्या बल से निकालने के लिए पिछले एक पखवाड़े से तैयारियां की जा रही थी।श्री बुंदेला के नेतृत्व में तैयारियों की लगातार समीक्षा हो रही थी। करीब 100 के लगभग लोगों को यात्रा के दायित्व सौंपे गए थे। एक पखवाड़े की तैयारियां शनिवार को यात्रा में दिखाई दी। करीब 10 हजार से अधिक कलश धारण करके महिलाएं शामिल हुई। इधर गढ़ कालिका माता मंदिर पहुंचने पर श्री बुंदेला द्वारा माता को चुनरी अर्पित की गई। इधर धर्मयात्रियों को फलाहारी का वितरण भी किया गया। वहीं मंचों से जगह-जगह ठंडाई का वितरण किया गया।  यात्रा में पूर्व सांसद गजेन्द्रसिंह राजूखेड़ी, पूर्व महू विधायक अंतरसिंह दरबार सहित धार-बदनावर के अन्य नेता बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
फैक्ट फाईल

-11 हजार कलशधारी   महिलाएं।
- 3 हजार अन्य लोग थे शामिल।
-3 किलोमीटर लंबी थी यात्रा।
-2 दर्जन से अधिक मंचों से पुष्पवर्षा। 

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