धार~हारे नहीं जीते मुकदमें सरकार- मुक्त हो सरकारी मंदिरों की संपत्तियों के निजी कब्जे~~
52 मुकदमें हाईकोर्ट में प्रचलित 42 केवल बदनावर क्षेत्र, गणेश मंदिर की 1200 बीघा जमीन पर कब्जे~~
धार ( डाॅ. अशोक शास्त्री )।
जिले के सरकारी मंदिरों की संपत्तियों पर के कब्जे हक-दावों में बदल रहे है। मंदिरों की संपत्तियों पर प्रशासन कब्जा तो नहीं छुड़वा पा रहा है वहीं मामले अब कोर्ट में चले गए हैं। न्यायालयों में भी मुकदमों में सरकार की और से मजबूती से पक्ष नहीं रखा जा रहा है। नतीजे में मुकदमें अब सालों से उच्च न्यायालय में तारीख पर तारीख में उलझे पडेÞ है। हालत यह है कि अब इसमें वोट बैंक भी ढंूढे जा रहे है जिसके चलते कई मामलों में मुकदमों को हारने की नौबत भी आ रही है। देवस्थानों की हालत सुधरे, भगवान की संपत्तियों पर भगवान को हक मिले इसके लिए संपत्तियों पर कब्जों के मुकदमों को गंभीरता से लेने की जरूरत है। सबसे मुख्य बात यह है कि जहां दान की जमीन की अफरा-तफरी में लोगों को सीधे जेलों में डाल दिया गया। वहीं मंदिर की जमीन पर कब्जों पर नोटिस-नोटिस खेलकर मामला कोर्ट तक पहुंचा दिया गया है।
52 मुकदमें हाईकोट में दर्ज
शासन संधारित मंदिरों में बड़ी संख्या में मंदिरों के रखरखाव के लिए कृषि भूमियां भी है। इन भूमियों की नीलामी से मंदिर पुजारियों का मानदेय सहित मंदिर में भगवान के शृंगार सहित अन्य व्यवस्थाएं संचालित होती है। अनेकों मंदिरों में दुकानें भी निकाली गई थी। इन दुकानों के किराया निर्धारण को लेकर भी समय के साथ बदलाव नहीं किया गया। नतीजे में नाम मात्र के किराये पर दुकानें चल रही है। वहीं अब लोग हक-दावे भी कर रहे है। धार जिले में मंदिर की संपत्तियों से संबंधित 52 मुकदमें हाईकोर्ट में प्रचलन में है। इधर संपत्तियों पर कब्जे, उधर शासन की और से मंदिर के रखरखाव के लिए राशि जारी ना होने पर मंदिर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंच रहे हैं।
1200 बीघा पर कब्जा
जिला मुख्यालय स्थित 180 वर्ष पुराने श्री दुर्गाविनायक गणपति मंदिर में आगजनी के बाद से उसके जीर्णोद्धार के लिए ढ़ाई करोड़ की राशि शासन द्वारा जारी नहीं की जा रही है। इधर एक सुनियोजित प्लान के तहत मंदिर के आगजनी वाले क्षेत्र को मंदिर की बाउंड्रीवाल बनाकर मंदिर क्षेत्र से बाहर कर दिया गया है। श्री गणेश मंदिर की 1200 बीघा करीब बदनावर तहसील में मौजूद कृषि भूमि पर लोगों के कब्जे है। मंदिर संपत्ति से संबंधित 52 मुकदमों में 42 मुकदमें सिर्फ बदनावर क्षेत्र से है।
अधिकारियों को नहीं जानकारी
शासन संधारित 1254 मंदिरों में कुछ मंदिर आयुक्त अधीन है। वहीं कुछ दरगाहें भी शासन संधारित है। सबसे मुख्य बात यह है कि देव स्थानों से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दे पर अधिकारियों के पास भी स्पष्ट जानकारी नहीं है। जिला मुख्यालय पर मंदिरों की संपत्ति और कब्जों के मुकदमों सहित मंदिरों की सूची अपडेट उपलब्ध नहीं है। इधर तहसील क्षेत्र के जिम्मेदार अधिकारियों की नजर में भी सरकारी मंदिर और उनकी स्थिति स्पष्ट नहीं
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