धार~प्रारंभ हुआ दीपोत्सव......ऋण सुविधा से आॅटो मोबाईल सेक्टर में रौनक, बाजार सजे, ग्राहकों का इंतजार ~~

व्यापारियों ने बाजारों में की लाईटिंग, रंगीन रोशनियों से दीपोत्सव का एहसास ~~

पटाखा बाजार पर महंगाई का असर, मुनाफा घटा- खर्चे बढ़े, दाम 50 प्रतिशत बढ़े~~

रंगरोगन व्यवसाय फीका रहा, लोगों ने पुताई से अधिक सफाई पर दिया ध्यान ~~

कर्मचारियों को वेतन का इंतजार, किसानों की फसल तैयार, पैसा हाथ में नहीं ~~

धार ( डाॅ. अशोक शास्त्री )

हिन्दू समुदाय का सबसे बड़ा 5 दिवसीय पर्व   दीपोत्सव शुक्रवार 21 अक्टूबर से प्रारंभ हो गया है। बाजारों में रंगीन रोशनियां की गई है। वहीं  सजी दुुकानों को ग्राहकों का इंतजार है। 5 दिन में महालक्ष्मी पूजन के दिवस को छोड़कर शेष दिनों में बेहतर ग्राहकी होने की संभावनाएं व्यक्त की जा रही है। हालांकि अभी तक के माहौल में महंगाई का असर दिखाई दिया है। बाजार सजे है,  ग्राहक नहीं है। हालांकि आॅटो मोबाईल सेक्टर को वाहनों खरीदने पर फाईनेंस सुविधा से अच्छी ग्राहकी मिली है। उधार की सुविधा ने आॅटो मोबाईल सेक्टर को गुलजार कर रखा है। इधर पुष्प नक्षत्र उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहा है। हालांकि पूंजीपतियों ने नक्षत्र लाभ में खरीदी की है। दीपोत्सव के प्रारंभ होते ही व्यापारियों को व्यापार में श्री लक्ष्मी की कृपा की पूरी उम्मीद है। 
भविष्य की चिंता, हाथ खींचकर काम 
कोरोना संक्रमण काल के बाद भविष्य की चिंताए लोगों में बढ़ गई है। आवश्यक खरीदारी पर फोकस है। अनावश्यक खर्च को सोच-समझकर किया जा रहा है। इसका असर दीपोत्सव के बाजार पर दिखाई दे रहा है। दीपावली के पूर्व बाजारों और मोहल्लों में बड़े पैमाने पर रंग-रोगन और साफ-सफाई एक पखवाड़े पूर्व से ही प्रारंभ हो जाती थी। इस वर्ष लोगों ने घरों पर पुताई से अधिक सफाई पर विशेष ध्यान रखा है। इसके कारण आईल पेंट, डिस्टेंबर जैसे व्यवसाय भी प्रभावित हुए है। व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में भी सफाई अधिक हुई है। नया रंग कम चढ़ा है। 
बाजार में अभी पैसा नहीं आया 
लोगों में हाथ खींचकर काम करने की प्रवृत्ति बढ़ने के साथ बाजारों में ग्राहकी कम होने का मुख्य कारण आर्थिक प्रवाह की गति कम होना है। दरअसल दीपावली माह के अंत में आई है। ऐसे में कर्मचारियों के हाथों में अभी वेतन नहीं लगा है। धार जिला ग्रामीण एवं कृषि-मजदूरी आधारित जिला है। सोयाबीन की उपज पककर घरों में है। बाजारों में विक्रय ना होने से किसान की आमद बाजारों में कम हुई है। ग्रामीण खरीदारी से धार के व्यापार जगत को बड़ी गति मिलती है। हालांकि राज्य शासन की और से दीपावली के पूर्व कर्मचारियों को वेतन देने के प्रयास किए जा रहे हैं। संभावना है कि 5 दिन बेहतर व्यापार के लिए रहेंगे। 
रोशनी ने कराया पर्व का एहसास 
शहर के मुख्य बाजार धानमंडी से लेकर आनंद चौपाटी तक बाजार में व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के साथ सड़कों पर रंगीन झालरे लगाई गई है। रोशनियों से सराबोर शाम में दीपोत्सव के प्रारंभ होने का एहसास है। हालांकि दिन सूने है। तमाम परिस्थितियों के बावजूद उम्मीदें जिंदा है। यही कारण है कि छोटे-छोटे व्यापारी सड़कों के किनारे बैठकर दुकान लगा चुके है। धोकपड़वा पर गाय पूजन होता है। आम तौर पर इसका बाजार धनतेरस के बाद सजता है, लेकिन ग्राहकी की उम्मीद में बड़े पैमाने पर पशुधन सजाने  के सामान की दुकानें भी लगी है। 
महंगाई का असर खरीदारी पर 
दीपावली की चमक महंगाई ने भी फीकी कर रखी है। लोगों के दीपोत्सव का बजट डेढ़ा हो गया है। खाद्यान्न सामग्रियों से लेकर आम जरूरत की वस्तुओं के दाम तेजी के साथ बढ़े है। दूध के दाम बढ़ने से मावा और मिठाई महंगी हुई है। वहीं घरेलू मिष्ठान बनाने के लिए तेल-घी जैसी वस्तुओं के दाम में भी तेजी है। इसके कारण भी जरूरत के हिसाब से खरीदारी कर रहे है। कोशिश यह है कि त्योहार शांति से सीमित जरूरतों के मध्य मन जाए। 
बॉक्स-1
पटाखों के दाम में आग, 50 प्रतिशत की वृद्धि 
दीपोत्सव के मद्देनजर शहर के उदय रंजन क्लब मैदान में पटाखा बाजार सज चुका है। करीब 30 से अधिक दुकानें लगी है। इस वर्ष महंगाई के असर से पटाखा बाजार सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। पटाखा व्यापारी राहुल उपाध्याय और सुनील त्रिवेदी ने बताया कि इस वर्ष दामों में 30 से 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके कारण दाम बढ़ गए है। ग्राहकों को यह बात समझाने में दिक्कतें आती है। उन्हें लगता है कि व्यापारी दाम ज्यादा ले रहे है। हकीकत यह है कि छोटे-छोटे पटाखे मसलन टिकली, बंदूक, नाग गोली, फुलझड़ी, अनार जैसे सामान्य बच्चों के पटाखों के दाम भी बढ़े है। इन तमाम स्थितियों के बावजूद मुख्य पर्व और उस पर आतिशबाजी के महत्व को देखते हुए व्यापारियों को व्यापार की उम्मीद है। यही कारण है कि  रंगीन, आकर्षक नए-नए फैंसी पटाखे लाकर रखे है। 
250 शॉट, हजारों रंग निकलेंगे 
पटाखा बाजार में फैंसी पटाखे बड़ी संख्या में आए है। हालांकि आम लोगों की खरीद की रेंज को देखते हुए पटाखे लाए गए है। फैंसी आयटमों में 10 हजार से लेकर 15 हजार तक के एक पटाखे के दाम है। पटाखा व्यवसायी श्री त्रिवेदी ‘उड़ी बाबा’ के नाम से एक पटाखा आयटम लाए है। उनका दावा है कि इस एक पटाखे में करीब 250 शॉट आतिशबाजी के निकलेंगे। एक-एक शॉट में सैकड़ों अलग-अलग डिजाईन कलर है। करीब 15 से 20 मिनट तक यह एक पटाखा आतिशबाजी दिखाता रहेगा। करीब 7 हजार रुपए इस पटाखे का मूल्य है। उन्होंने बताया कि कई लोगों को  दीपावली पर आतिशबाजी का विशेष शौक रहता है। ऐसे ग्राहकों के लिए यह विशेष तौर पर मंगवाया गया है। 

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