धार~मामला कृषि उपज मंडी का.......

नए दो कब्जे हटाए, 54 अवैध कब्जाधारियों को अंतिम सूचना पत्र देंगे~~

एसडीएम ने पहुंचकर हटवाया अतिक्रमण, व्यापारी बोले- शेड की व्यवस्था नहीं तो नए लाईसेंस क्यों दे रहे हैं~~

धार ( डाॅ. अशोक शास्त्री )। 

कृषि उपज मंडी में दशकों बाद अवैध शेड बनाकर कब्जा करने वाले लोगों पर कार्रवाई शुरु हुई है। इस दौरान अनंत चतुर्दशी पर्व के दौरान नाले के समीप बनाए गए टीन शेड हटवाए गए है। प्रभावशाली लाईसेंसी ने यहां पर बगैर आवंटन कब्जे की नियत से शेड बना लिया था।  कब्जा हटाने की कार्रवाई मंडी प्रशासक व एसडीएम दीपाश्री गुप्ता द्वारा की गई है। हालांकि यहां पर तोडफ़ोड़ करने की नौबत नहीं आई। अधिकारियों के रूख को देखते हुए कब्जाधारी ने अपने कब्जे स्वयं हटा लिए। उल्लेखनीय है कि इस मामले में दो दिन पूर्व समाचार पत्र में ‘किसी भी दिन हो सकता है बड़ा विवाद’ के शीर्षक से प्रशासन के ध्यानाकर्षण हेतु समाचार प्रकाशित किया था। जिसके बाद एसडीएम ने महज 48 घंटे के भीतर अवैध शेड हटवाए है। कार्रवाई के दौरान तहसीलदार विनोद राठौर, पटवारी प्रजापालसिंह चौहान, मंडी सचिव श्री पटेल व अन्य लोग मौजूद थे।
54 अवैध शेड का कब्जा
मंडी में गुरुवार को कार्रवाई के दौरान पुराने अन्य कब्जों की जानकारी भी जुटाई गई। प्रारंभिक तौर पर करीब 54 अवैध कब्जे होने की बात सामने आई है। इसके बाद प्रशासक ने मंडी समिति को सभी को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए है। हालांकि नोटिस-नोटिस का खेल लंबे समय से चल रहा है। मंडी प्रबंधन समिति इसके पूर्व भी कई नोटिस जारी कर चुकी है, लेकिन कोई जवाब नहीं देता है और मंडी कार्रवाई भी नहीं कर पाती है। पहली मर्तबा प्रशासनिक अधिकारियों के निर्देश के बाद अंतिम नोटिस जारी हो रहे हैं।  
जगह नहीं तो लाईसेंस ना दें
नवीन अतिक्रमण हटवाने की कार्रवाई के दौरान एसडीएम के समक्ष कुछ लाईसेंसी व्यापारी पहुंचे थे। उनका कहना था कि मंडी में लगातार नवीन लाईसेंस जारी किए जा रहे हैं। व्यापारी लाईसेंस से क्रय-विक्रय करेगा तो उसे गोदाम की आवश्यकता रहेगी। इसके कारण अस्थाई टीन शेड बना लिए गए है। मंडी प्रबंधन समिति यदि जगह नहीं है तो नए लाईसेंस ना दें। गत माह भी दो लाईसेंस नए जारी किए गए है। जगह यूं भी कम है। खरीदी के दौरान ट्रैक्टरों से परिसर भर जाता है। नवीन लाईसेंसधारी लोगों के लिए दिक्कतें बढ़ती है।
मंडी की जमीन नहीं मिली
कृषि उपज मंडी समिति ने वर्तमान में लाईसेंसधारियों की संख्या सैकड़ों है। प्रतिवर्ष नवीन लाईसेंस जारी हो रहे हैं। इधर तीन-चार दशक पूर्व उस दौरान की परिस्थितियों के अनुकूल मंडी का निर्माण किया गया था। समय के साथ लाईसेंसी व्यापारी की संख्या बढ़ी है, किंतु मंडी विस्तारित नहीं हो पाई है। नवीन मंडी निर्माण के लिए शासन ने जो जमीन चिह्नित की थी वह जमीन दूसरे विभाग को आवंटित हो गई है। वर्तमान में मंडी को विस्तारित करने के लिए पर्याप्त स्थान नहीं है। ऐसी परिस्थिति में मंडी को बाहर स्थानांतरित करना आवश्यक हो गया है अन्यथा कब्जे करने की स्थितियां जारी रहेगी।
इनका कहना है
शुल्क लें और इन्हें वैध मान्य करें
15 दिन बाद सोयाबीन की खरीदी शुरु होने वाली है। व्यापारी अपने टीन शेड  का उपयोग गोदाम के तौर पर करते है। प्रशासन को इन्हें हटाने की बजाय टीन शेड को ही वैध करने की प्रक्रिया करनी चाहिए। इसमें जो भी शुल्क गोदाम का लगता है वह हम देने के लिए तैयार है। सीजन में यदि गोदाम हटाने की कार्रवाई की जाती है तो व्यापारी परेशान होंगे।
मुकेश राठौर, अनाज व्यापारी
सूची बनाने के लिए कहा है
मंडी प्रांगण में कितने अवैध रूप से शेड है इसकी सूची बनाने के लिए मंडी अधिकारियों को कहा गया है। उस सूची के आधार पर कितने शेड बगैर यूज के रखे है उन्हें प्राथमिकता से हटाया जाएगा। व्यापारियों का व्यापार प्रभावित नहीं होने देंगे। हम उनके हितों का ख्याल रखते हुए न्याय संगत कार्रवाई करेंगे।
दीपाश्री गुप्ता, मंडी प्रशासक व एसडीएम धार

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