झाबुआ~अब मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना सबके लिए लागू-अमीरी-गरीबी का अंतर भी मिटाया,सिर्फ बेटी के पिता का मप्र का मूल निवासी होना अनिवार्य~~
सामूहिक विवाह सम्मेलन में शादी करने वाले जोड़ों को भेंट सामग्री मिलने में होगी देरी क्योंकि टेंडर ही नहीं हुए है~~
झाबुआ। संजय जैन~~
कोरोना काल के दो साल बाद अब फिर से मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना शुरू हो गई। योजना में इस बार सरकार ने बदलाव करते हुए हर जाति व धर्म की बेटी को इसमें शामिल कर लिया है। यह योजना कोविड के कारण बंद थी। जिले में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत होने वाले विवाह इस बार अक्षय तृतीया पर नहीं हो सके। योजना का लाभ लेने वाले युवक-युवतियों को जून माह तक इंतजार करना पड़ेगा। इस बार सभी जनपद पंचायतों को अपनी सुविधानुसार विवाह सम्मेलन की तिथि तय करने के निर्देश दिए गए हैं। जनपद पंचायतें ही विवाह करने वाले जोड़ों को उपहार सामग्री भेंट करेंगी।
अक्षय तृतीया पर होते हैं सबसे ज्यादा विवाह.....
इस बार कई युवा जोड़ों को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का लाभ नहीं मिल पाया। सबसे ज्यादा विवाह अक्षय तृतीया पर होते हैं। वहीं इस बार अक्षय तृतीया पर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह नहीं होने से जोड़ों को निराशा हाथ लगी। ऐसे में उन्हें 55 हजार रुपए की राशि से मिलने वाली सामग्री नहीं मिली।
खत्म कर दिया अमीरी-गरीबी वाला पैमाना इस बार........
पहले सिर्फ आरक्षित वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बेटी का ब्याह ही सरकार अपने स्तर से करती थी। लेकिन इस बार सर्वहारा वर्ग,धर्म व अमीर-गरीब सभी को सम्मेलन में शामिल होने की पात्रता तय कर दी। अमीरी-गरीबी वाला पैमाना इस बार खत्म कर दिया गया है। इसके लिए सरकार ने सिर्फ एक ही शर्त रखी है कि या तो बेटी मप्र की मूल निवासी हो या बेटी का पिता भी मूल निवासी है। दोनों ही परिस्थिति में उसे मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में शामिल किया जा सकता है।
इस बार 51 हजार रुपए की जगह 55 हजार रुपए की राशि ........
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में दंपती को इस बार 51 हजार रुपए की जगह 55 हजार रुपए की राशि के उपहार दिए जाएंगे,लेकिन यह राशि इस बार नहीं मिली। जिला प्रशासन ने विवाह संबंधी अब तक कोई मापदंड जारी नहीं किए हैं। जिससे मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत होने वाले विवाह देरी से होंगे। दो साल से मुख्यमंत्री योजना के विवाह नहीं हो पा रहे हैं। अब फिर से इस योजना के तहत विवाह कराने की घोषणा सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा 21 अप्रैल को कर दी गई थी,लेकिन जिले में 6 दिन पहले ही इसका सर्कुलर आया है।
निकाय व जनपद पंचायतें करा सकेंगी सामूहिक विवाह .....
इस बार नियमों में बदलाव किया गया है। शासन से मिलने वाली राशि 55 हजार रुपए में से 38 हजार रुपए की सामग्री दी जाएगी। इसमें 11 हजार रुपए का चेक दिया जाएगा। बाकी 6 हजार रुपए अन्य व्यवस्थाओं में खर्च किए जाएंगे। यह विवाह इस बार नगरीय निकाय और जनपद पंचायतें करेंगी। पहले संगठन और सामाजिक संस्थाओं द्वारा विवाह कराए जाते थे,जो अब नहीं होंगे। इस बार सामूहिक विवाह कराने के लिए जनपद पंचायतों को जिम्मेदारी दी गई है। जनपद पंचायतें ही अपने अनुसार तिथि तय कर आयोजन कराएंगी। उनके खातों में ही योजना की राशि डाली जाएगी। नगरीय क्षेत्र के संबंध में कोई स्पष्ट बात नहीं है।
टेंडर प्रक्रिया ही शुरू नहीं हुई ......
इसके लिए टेंडर प्रक्रिया ही शुरू नहीं हुई है। ऐसे में विवाह सम्मेलन में शामिल होने वाले जोड़ों को मिलने वाली उपहार सामग्री के मिलने में भी देरी संभव है। इस बार आयोजन के लिए जनपद पंचायतों को अधिकार दिए गए हैं। जनपद पंचायतें अपने हिसाब से तिथि तय करेंगी और टेंडर मंगाएंगी। जनपद पंचायतें ही उपहार सामग्री देंगी। अभी जिले की किसी भी जनपद पंचायत में टेंडर प्रक्रिया नहीं हुई है। जिससे यह तय है कि निर्धारित समय पर शादी करने वाले जोड़ों को उपहार सामग्री नहीं मिल पाएगी।
बेटी के विवाह पर 55 हजार खर्च होंगे .....
अभी कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। योजना के तहत बेटियों का विवाह करने के लिए सरकार ने प्रत्येक बेटी के विवाह पर 55 हजार रुपए खर्च करने की रूपरेखा तय की है। इसमें 11 हजार रुपए बेटियों को चेक से दिए जाएंगे। वहीं 6 हजार रुपए सम्मेलन कराने वाली जनपद पंचायत या नगर परिषदों को दिया जाएगा। वहीं 38 हजार रुपए की विवाह सामग्री बेटियों को दी जाएगी। मई में पूरी तैयारी करके जून में विवाह हो सकेंगे।
.......................दिनेश वर्मा-अडिशनल सीईओ-झाबुआ
भेज दी गयी है,टेंडर हेतु विज्ञप्ति जनसम्पर्क विभाग को ........
योजना का प्रपत्र आया है,प्रक्रिया शुरू हो गयी है। सामान खरीदी के टेंडर हेतु विज्ञप्ति जनसम्पर्क विभाग को भेज दी गयी है,प्रकाशन के बाद प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाएगी। विवाह के आयोजन निकायों और जनपद पंचायतों द्वारा कराया जाना है। कोई निकाय 5 से कम विवाह नहीं करवा सकती है। अमीरी-गरीबी वाला पैमाना इस बार खत्म कर दिया गया है।
..................सिद्धार्थ जैन- जिला पंचायत सीईओ-झाबुआ
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