झाबुआ~सूरज की तपन से बिजली की खपत बढ़ी,रोज 15 लाख 50 लाख यूनिट हो रही सप्लाई~~
जितनी खपत उसमें से सिर्फ 60 फीसदी उपभोक्ता भर रहे बिजली बिल-40 फीसदी बिजली लाइन लॉस व चोरी में जा रही~~
झाबुआ। संजय जैन~~
अप्रैल के शुरूआत से ही बढ़ी गर्मी के बाद अब मौसम विभाग ने इस बार लंबी अवधि तक गर्मी और अप्रैल में ही रिकॉर्ड तापमान होने के संकेत दिए हैं। स्थिति यह है कि लोग पंखे,कूलर,एसी,फ्रिज का जमकर उपयोग कर रहे हैं, जिससे जिले में बिजली खपत तेजी से बढ़ी है। अप्रैल माह के शुरुआती दिनों में रोजाना 15 लाख 50 हजार यूनिट बिजली की खपत हो रही है। पिछले 14 दिनों में ही अब तक 210 लाख यूनिट की खपत हो चुकी है। जबकि अभी अप्रैल के 17 दिन और मई-जून की गर्मी बाकी हैं। गौरतलब है कि मार्च महीने में जिले की रोजाना बिजली खपत करीब 14 लाख यूनिट थी।
बिजली की खपत बढ़ी,रोज 15 लाख 50 लाख यूनिट हो रही सप्लाई.....
जिले में एक दिन में 15 लाख 50 हजार यूनिट बिजली की खपत में 60 फीसदी उपभोक्ता ऐसे हैं जो बिल भर रहे हैं,वहीं 40 फीसदी लाइन लॉस के साथ बिजली चोरी में जा रहा है। मौसम विभाग ने 17 अप्रैल से तापमान 42.5 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक होने की बात कही है। ऐसे में गर्मी से राहत के लिए कूलिंग संसाधनों का जमकर उपयोग देखने में मिल रहा है। आने वाले दिनों में बिजली विभाग अंदेशा लगा रहा है कि बिजली की खपत बढ़ने से ट्रांसफार्मरों पर और लोड बढ़ेगा,क्योंकि मार्केट में लगातार गर्मी से राहत दिलाने वाले उपकरणों की बिक्री बढ़ी है।
हो रही करीब 1 लाख 50 हजार यूनिट की खपत ज्यादा ......
मार्च की तुलना में अप्रैल में इन दिनों करीब 1 लाख 50 हजार यूनिट की खपत ज्यादा हो रही है। मार्च के 31 दिनों में जहां 434 लाख यूनिट बिजली सप्लाई हुई थी। ऐसे में संभव है कि अप्रैल में पारा और चढ़ेगा,तो हर रोज बिजली की खपत और बढ़ेगी। जिस तरह से गर्मी बढ़ रही है,लोग बिजली का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में ज्यादा खपत होती है, इसलिए इस बार गर्मी में आने वाले दिनों में बिजली खपत का आंकड़ा चौकाने वाला हो सकता है। बिजली की बढ़ती मांग के बीच कम उत्पादन की वजह से शेड्यूल बदल गया है। अब ग्रामीण इलाकों में विद्युत पंप के लिए जहां 10 घंटे बिजली मिल रही है। वहीं शहरी व घरेलू उपभोक्ताओं को करीब 23 घंटे बिजली की सप्लाई हो रही है।
बिजली की खपत की स्थिति....
1 अप्रैल को दिन का अधिकतम तापमान 39.8 डिग्री सेल्सियस था,जो सामान्य से 2 डिग्री अधिक रहा। इसके बाद 2 अप्रैल को भी तापमान इतना ही रहा। 3 अप्रैल से तापमान बढ़कर 41.0डिग्री तक पहुंचा और फिर 8 अप्रैल को 41 डिग्री पर पहुंच गया। इसके बाद 10 अप्रैल को बढ़कर 41.6 डिग्री रहा। मौसम विभाग के अनुसार राजस्थान से गर्म हवाएं भी चल रही हैं और लू के हालात बने हुए हैं। ऐसे में लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं और घरों पर रहकर कूलर,एसी व पंखे उपयोग कर रहे हैं। इससे मीटर तेजी से भागता है और बिल ज्यादा आते हैं।
अप्रैल-मई के बिलों में पड़ेगा जेबों पर असर.....
बिजली कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक हर साल सामान्य मध्यमवर्गीय परिवार में अप्रैल माह में औसतन 100 से 150 यूनिट बिजली की खपत होती है,जो इस बार 160 से 200 यूनिट तक हो सकती है। ऐसे में इस बार अप्रैल-मई के बिल लोगों को भारी पड़ेंगे क्योंकि उन्हें ठंडक के लिए बिजली के उपकरणों का सहारा लेना ही पड़ेगा। एक मध्यमवर्गीय परिवार में चलने वाले न्यूनतम उपकरणों की बात करें तो रोजाना 2.5 किलोवाट तक का लोड एक मीटर पर पड़ता है।
रोज इतने किलोवाट के चलते हैं उपकरण ......
कूलर 100-500 किलोवाट,पंखा 60-180 वाट,मोबाइल 4.60 वाट,मिक्सर 500-1000 किलोवाट,आयरन 750 वाट,सीएफएल 20-80 वाट,पानी की मोटर 350 किलोवाट(नोट-रू.1 किलोवाट बिजली अगर एक घंटे में जलाई जाती है,तो 1 यूनिट बनता है)
उपभोक्ता अपने मीटर का लोड बढ़वाएं..........
लोड बढ़वाकर लोग बच सकते हैं कार्रवाई से इन दिनों बिजली की खपत बढ़ने के साथ ही विजिलेंस की टीम लोगों के घर-घर जाकर जांच पड़ताल करने में लगी है। ऐसे में लोग जिनके मीटर का लोड कम है,जबकि उपकरण ज्यादा उपयोग कर रहे हैं,तो ऑफिस आकर मीटर का लोड बढ़वा सकते हैं। इससे उपभोक्ताओं को दो फायदे होंगे,एक तो विजिलेंस की टीम रिकवरी नहीं निकाल सकती,दूसरा लोड कम और उपकरण ज्यादा तो मीटर तेजी से भागता है और बिल ज्यादा आते हैं। इसलिए बिजली की बचत को देखते हुए उपभोक्ता अपने मीटर का लोड बढ़वाएं।
......................सुखदेव मंडलोई-कार्यपालन यंत्री- शहरी बिजली कंपनी
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