*झाबुआ~भगोरिया उत्सव की धूम  जिले के मेघनगर में*~~

*​मध्यप्रदेश के झाबुआ अलीराजपुर जिले में इन दिनों भगोरिया पर्व हर्षो उल्लास के साथ मनाया जा रहा हैं*~~

*भगोरिया एक ऐसा उत्सव, जिसमे जीवन के हर रंग है,धर्म है, संस्कृति है,*~~

*आदिवासी संगठन जयस ने भी अपना प्रदर्शन करते हुए भगोरिया का आनंद लिया*~~

झाबुआ से दशरथ सिंह कट्ठा ब्युरो...9685952025~~

झाबुआ - आदिवासी अंचल झाबुआ जिले में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी भगोरिया पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा हैं! भगोरिया पर्व उत्सव की शुरुआत होलिका दहन से 8 दिन पूर्व मनाया जाता हैं कई वर्षों से मनाया जा रहा इस भगोरिया पर्व में,आसपास के हर जगह भगोरिया मेलो का लगना शुरू हो गया है ! वही शनिवार को मेघनगर में नगर के दशहरा मैदान पर भगोरिया मेले में आस पास के गाँवों के आदिवासी भील समुदाय के युवक युवती पारंपरिक परिधानों में सज धज कर बड़ी तादात में पहुँचे ! और अपनी मस्ती में मस्त ढोल मांदल की थाप पर थिरकते नजर आये
हर उम्र समाज के लोग बड़ी संख्या में इस मुख्य पर्व में शामिल होते हैं ! पर्व की मस्ती में मस्त झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया और थांदला विधायक वीरसिंह भूरिया भी अपने आपको रोक नही पाए तो वही भाजपा के पूर्व विधायक कलसिंह भाभर ने ढोल मांदल की थाप देते हुए और थिरकते नजर आए ! मेघनगर में भगोरिया हाट के दौरान विधायक कांतिलाल भूरिया ने जमकर मांदल की थाप दी और थाप पर कई जनप्रतिनिधि थिरकते नजर आए ! इस दौरान ग्रामीणों ने भी जमकर मेले में झूलो का आनंद लिया तो वही राजनैतिक दलों द्वारा भी गैर निकाल कर शक्ति प्रदर्शन किया ! पर्व के उत्साह में कोई खलल न हो लिहाज पुलिस द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये !

*आदिवासी संगठन जयस ने भी अपना प्रदर्शन करते हुए भगोरिया का आनंद लिया*

मेघनगर भगोरिया हाट में आदिवासी संगठन जयस ने भी अपना प्रदर्शन करते हुए भगोरिया का आनंद लिया जय आदिवासी युवा शक्ति जयस भगोरिया में नगर परिषद व शासन प्रशासन  के द्वारा   ग्रामीण अंचल के आदिवासियों के लिए की गई व्यवस्थाओं से काफी खुश नजर आया जयस के कार्यकर्ताओं ने मेघनगर के  सभी सम्मानीय  नागरिकों व संपूर्ण मीडिया कर्मियों का आभार व्यक्त करते हुए आने वाले होली पर्व की भी शुभकामनाएं दी है इस अवसर पर जयस कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद थे जिसमें   जयेश अध्यक्ष अनुराग खड़िया जयस मीडिया प्रभारी दिनेश वसुनिया विजय डामोर झाबुआ जयस प्रभारी माधव सिंह डामोर आर एस डांगी तेजा वसुनिया मुकेश वसुनिया आदि उपस्थित थे

भगोरिया पर्व परंपरा है,राग रंग,गीत संगीत और एक रंग की वेशभूषा है, हाथो में रंगीन रुमाल से लेकर मादल ढोल की थाप पर नृत्य भी है । ये अनुपम उत्सव भगोरिया क्या है इसकी उतपत्ति कहाँ से हुई ये कब मनाया जाता है वैसे तो भगोरिया कब और क्यों शुरू हुआ, भगोरिया राजा भोज के काल में लगने वाले स्थानीय हाटों को कहा जाता था,इस समय दो भील राजाओ कागूमार एवम् बलून ने अपनी राजधानी में भगोर मेलो का आयोजन शुरू किया इन्ही का अनुसरण करते हुए अन्य भील राजाओ ने अपनी-अपनी रियासतों में इनका आयोजन शुरू किया।

रंगो के इस मेले में जब युवतियों की टोली एक ही रंग के पहनावे के साथ निकलती है तो मेले के दूसरे रंग फीके पड जाते हैं,आदिवासियों की इस अनूठी परम्परा से विश्व को परिचित कराने के लिए मध्यप्रदेश सरकार कितनी प्रयत्नशील है इसका अंदाजा मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग के इवेंट कैलेंडर को देख आसानी से लग जाता है फिलहाल भगोरिया उत्सव इसमें दर्ज नहीं हैं

वर्ल्ड ट्रेवल एंड टूरिज्म काउंसिल के मुताबिक पर्यटन सेक्टर में तेजी से आगे बढ़ रहे  184 देशों में भारत तीसरे (3) स्थान पर है,भगोरिया पर्व मध्यप्रदेश और देश के लिए एक उसी तरह एक शानदार पर्यटन डेस्टिनेशन बन सकता जिस प्रकार कच्छ महोत्सव और पुष्कर मेला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संस्कृति परंपरा का परचम लहरा रहे हैं ।


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