*सेंधवा~माननीय विधायक के नाम आदिवासी छात्र संगठन ने विधायक प्रतिनिधि राकेश रावत को सौंपा ज्ञापन*~~
(सेंधवा)आदिवासी छात्र संगठन(म.प्र.) एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-जनजाति युवा संघ(म.प्र.) के सयुंक्त तत्वाधान में दिनांक 26 सितंबर 2019 से 5 अक्टूबर 2019 तक पूरे मध्यप्रदेश में बेकलॉग भर्ती एवं शिक्षा सुधार यात्रा निकाली गई। यात्रा के दौरान प्रत्येक जिले से विद्यार्थियों की समस्याएं सामने आई, जिसको लैकर आदिवासी छात्र संगठन ने सेंधवा के नाम विधायक प्रतिनिधि राकेश रावत को ज्ञापन सौंपा।
*जो निम्नानुसार हैं*
*1) बेकलॉग पदों की भर्ती:-* वर्ष 2003 के बाद आज दिनांक तक बेकलॉग पदों की भर्ती नही की गई।(म.प्र.) में sc/st वर्ग के(108000) बेकलॉग के पद रिक्त हैं इन रिक्तपदो की भर्ती पिछली सरकार ने अपने 15 वर्ष कार्यकाल के दौरान नही की। वर्तमान सरकार ने विधानसभा चुनाव 2018 के वचन पत्र की कंडिका क्रमांक 47.38 में यह वचन दिया था कि वर्ष 2003 को आधार मानते हुये बेकलॉग के सभी रिक्त पद भरेंगे और इस हेतु sc/st वर्ग के युवाओं को निर्धारित योग्यता व आयु सीमा मैं छूट भी देंगे,सरकार को बने लगभग 9 माह हो गये हैं लेकिन अभी तक सरकार द्वारा बेकलॉग पदों की भर्ती को लेकर कोई उचित कदम नही उठाया गया है ना ही बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है।
*2)छात्रावास:-*कई सालों पुराने छात्रावास भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है।उसका तत्काल जीर्णोध्दार किया जाए।आजादी के समय से संचालित छात्रावासों में सीटों की संख्या उतनी ही है।जबकि आज के समय मे जनसंख्या कई गुना बढ़ गई हैं, जनसंख्या के अनुपात में आश्रमों, प्री मैट्रिक व महाविद्यालयीन छात्रावासो सीटों की संख्या मैं व्रद्धि की जाए।
जनसंख्या को दृष्टिगत रखते हुए प्रत्येक जिला स्तर पर sc/st वर्ग के बालक-बालिकाओं के लिये क्रमशः1000-1000 सीटर एवं संभाग स्तर पर 2500-2500 सीटर का नवीन छात्रावास खोला जाए।
sc/st वर्ग के विद्यार्थियों के लिए प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी हेतू प्रत्येक जिला स्तर पर बालक-बालिकाओं के लिए 200-200 सीटर संख्या का परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र खोला जाए।एवं प्रतियोगिता परीक्षा शुल्क से मुक्त रखा जाए।
प्रत्येक विद्यालय, महाविद्यालय, छात्रावास एवं आश्रम के भवन को वाई-फाई से कनेक्ट कर कम्प्यूटरलैब एवं ई-लाइब्रेरी की व्यवस्था की जाए।
*3)छात्रवृत्ति एवं आवास भत्ता:-*छात्रवृत्ति एवं आवास सहायता की राशि का भुगतान समय पर नही होने से कई विद्यार्थियों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं।इस हेतू छात्रवृत्ति का भुगतान शिक्षण सत्र के प्रारंभ में एवं आवास सहायता की राशि का भुगतान प्रतिमाह किया जाए।एवं महंगाई के अनुपात में छात्रवृत्ति और आवास सहायता की राशि में वृद्धि की जाए।
4))शिक्षा व्यवस्था में सुधार:-*शिक्षा के निजीकरण को बढ़ावा देकर सरकारी शिक्षा व्यवस्था को जान भुझकर कमजोर किया जा रहा है,सरकारी शिक्षा व्यवस्था को बचाने के लिए व शिक्षा के स्तर में गुणवत्ता लाने के लिए शिक्षा के निजीकरण पर प्रतिबंध लगाया जाए, साथ ही एक समान-शिक्षा प्रणाली लागू की जाए, जहाँ पर अमीर और गरीब के बच्चें एक ही छत के नीचे एक साथ बैठकर एक जैसी शिक्षा ग्रहण करे एवं यह शिक्षा के यूजी से पीजी तक नि:शुल्क होनी चाहिए।
शासकीय अध्यापकों एवं प्राध्यापको को गैर शैक्षणिक कार्य से मुक्त रखा जाए।
प्रत्येक विद्यालय एवं महाविद्यालय में विद्यार्थियों की दर्ज संख्या के अनुपात में विषयवार नियमित अध्यापकों एवं प्राध्यापकों की नियुक्ति की जाए।
महाविद्यालय में अध्ययनरत sc/st वर्ग के विद्यार्थियों के प्रवेश शुल्क की प्रति पूर्ति अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग द्वारा की जाती हैं।इसके बावजूद प्रदेश के कई शासकीय एवं निजी महाविद्यालयो में इन वर्ग के विद्यार्थियों से अग्रिम रूप से प्रवेश शुल्क न लिया जाकर नि:शुल्क प्रवेश दिया जाए।
आदिवासी छात्र संगठन के कार्यकर्ता मगन जमरे ने कहा कि इन तमाम समस्याओं का 20 दिन के भीतर समाधान नही होता है,तो आदिवासी छात्र संगठन (म.प्र.) एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-जनजाति (म.प्र.) द्वारा पूरे मध्यप्रदेश में चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी शासन प्रशासन की रहेगी।
इस दौरान,आदिवासी छात्र संगठन के प्रदेश संरक्षक अनिल रावत,विजय सोलंकी,सुनील मोरे, मगन जमरे,कमलेश डावर,सन्तोष सेनानी ,काशीराम पावरा, प्रकाश ब्रह्मणे, अम्बाराम पवार भय्यू आदि छात्र उपस्थित थे ।
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*सेंधवा~माननीय विधायक के नाम आदिवासी छात्र संगठन ने विधायक प्रतिनिधि राकेश रावत को सौंपा ज्ञापन*~~
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