इंदौर~आईडीए का अड़ंगा डालना,नहीं आ रहा किसी के समझ~~

पुष्प विहार कॉलोनी* -प्राधिकरण में जाने कहां दब गई फाइल~~

शिवराज सरकार ने घोषणा की थी, लेकिन अब तक प्लॉट नहीं मिल पाए~~

इंदौर। संजय जैन-स्टेट हेड~~


 विकास प्राधिकरण पहले भू-माफिया बाबी छाबड़ा के चंगुल में उलझी, फिर आसमान से गिरे खजूर में अटके,की तरह पोपट राम राम रटेरटाये वाले जवाब * फाइल प्रोसेस में है * में फंसी। स्कीम नंबर 171 की 13 कॉलोनियों में शामिल पुष्प विहार कॉलोनी के भूखंडों की एनओसी दीपावली के पहले जारी हो सकती है क्या....?

शिवराज क्या गए, उनके साथ उनकी घोषणा भी चली गयी...............


तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में हुए भव्य समारोह के दौरान पुष्प विहार कॉलोनी के 1157 प्लॉट धारकों के पक्ष में घोषणा कर तो दी थी। शिवराज क्या गए, उनके साथ उनकी घोषणा भी चली गई। इस कॉलोनी के रहवासी संघ अध्यक्ष महेंद्र कुमार चतुर्वेदी और अन्य पदाधिकारी लगभग हर सप्ताह प्राधिकरण सीईओ कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। हर बार उन्हें यही जवाब मिलता था कि फाइल प्रोसेस में है। खैर लंबे संघर्ष के बाद प्लॉट तो उन्हें मिल गए,लेकिन इन प्लॉटों की एनओसी जारी नहीं होने से मकान निर्माण नहीं कर पा रहे हैं।

कब्जा पाने के लिए लोग भूमाफिया के खिलाफ संघर्ष करते रहे.............

प्राधिकरण की योजना क्रमांक 171 की 13 कॉलोनियों में से एक पुष्प विहार कॉलोनी की जमीन पर भू-माफियाओं ने कब्जा कर लिया था। सबसे पहले तो अपने जीवन की जमा पूंजी से प्लॉट खरीदने वाले लोग कब्जा पाने के लिए भूमाफिया के खिलाफ संघर्ष करते रहे। तत्कालीन शिवराज सरकार के निर्देश पर भू-माफियाओं के खिलाफ अभियान चला,फिर इस कॉलोनी की जमीन को मुक्त कराया गया था। गौरतलब है कि लोगों को तब भी प्लॉट नहीं मिल पाए थे।

हमारे स्तर पर अब कोई काम बाकी नहीं-आशीष सिंह -कलेक्टर .............


तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम में 950 लोगों को पुष्प विहार के प्लॉट वितरण की घोषणा की थी। तत्कालीन प्राधिकरण अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा, उस वक्त कलेक्टर रहे मनीष सिंह उनके बाद टी. इलैयाराजा कलेक्टर ने भी प्रयास किए। इन प्रयासों को कलेक्टर आशीष सिंह ने भी गति दी। जिला प्रशासन से संबंधित कार्रवाई हुई,वह भी पूरी कर दी गई। रहवासी संघ के पदाधिकारी कलेक्टर आशीष सिंह की कार्रवाई से संतुष्ट हैं। कलेक्टर भी उन्हें कह चुके हैं कि हमारे स्तर पर अब कोई काम बाकी नहीं।

आईडीए का अड़ंगा डालना, किसी के समझ नहीं आ रहा.........


मोहन यादव के सीएम बनने के बाद से प्राधिकरण अध्यक्ष का दायित्व संभागायुक्त दीपक सिंह के पास ही है। इस बोर्ड में कलेक्टर भी सदस्य हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार अध्यक्ष भी नहीं जानते है कि एनओसी अब तक जारी क्यों नहीं हो पाई....?


क्षेत्र क्रमांक पांच के विधायक महेंद्र हार्डिया भी कई बार प्राधिकरण स्कीम वाली कॉलोनियों के प्लॉट की एनओसी जारी करने के लिए आईडीए के तमाम वरिष्ठ अधिकारियों को काफी बार फोन लगा चुके हैं। आईडीए का इस तरह से अड़ंगा डालना,किसी के भी समझ में नहीं आ रहा है।

आईडीए ने अटका रखा है मामला...............


पुष्प विहार संघर्ष समिति के अध्यक्ष महेंद्र कुमार चतुर्वेदी का कहना है कि सभी स्तर पर कार्रवाई पूरी हो चुकी है। अब पूरा मामला आईडीए स्तर पर ही अटका हुआ है। अब तक सौ से अधिक बार आईडीए कार्यालय के चक्कर हम लगा चुके हैं, लेकिन एनओसी की जगह अब तक आश्वासन ही हमे मिला है। 15-20 दिन पहले आईडीए ने कहा था कि विज्ञप्ति निकाल रहे हैं,लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ है। विधायक महेंद्र हार्डिया कई बार हमारे सामने ही आईडीए अधिकारियों से लेकर सीएम तक को फोन लगा चुके हैं,लेकिन उसका भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया है।

चेयरमैन की स्वीकृति मिलना बाकी है...........

यह कहना सही नहीं है कि प्लॉटों का मामला हमने अटका रखा है। सहकारिता विभाग से प्लॉटों की सूची ही हमें सितंबर में मिली है, उनका मिलान-सत्यापन करने में वक्त तो लगता है। विधि विभाग संबंधी कार्रवाई भी हो चुकी है। विज्ञप्ति चेयरमैन के पास अनुमोदन के लिये भेजी जा चुकी है। वहां से अनुमति मिलते ही,सिर्फ पुष्प विहार ही नहीं स्कीम नंबर 171 की 10 सोसायटी-कॉलोनियों के साथ कुछ निजी प्लॉट धारकों के भूखंडों के डी-नोटिफिकेशन की कार्रवाई हो जाएगी।
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आरपी अहिरवार- प्राधिकरण सीईओ,

पता नहीं ऐसी कैसी प्रोसेस चल रही है ...

फाइल प्रोसेस में है.....विकास प्राधिकरण सीईओ का यह जवाब सुनते-सुनते अब तो हमारे कान पक गये हैं। हमे पता नहीं ऐसी कैसी प्रोसेस चल रही है...? जिला प्रशासन व सहकारिता विभाग ने अपने अपने जिम्मे का काम बहुत पहले कर जानकारी प्राधिकरण को भेज दी है। अब तो सारा दायित्व प्राधिकरण अध्यक्ष का ही है, जिसे भी काफी महीने हो गए है। हम तो मान रहे थे कि बोर्ड अध्यक्ष संभागायुक्त हैं,तो तुरंत विज्ञप्ति जारी हो जाएगी........
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महेंद्र चतुर्वेदी-रहवासी संघ अध्यक्ष
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